2025 Haryana Manisha Murder Case | मनीषा की मौत का सच अभी तक नहीं पता चल पाया है पुलिस ने इस केस को CBI को सौंप दिया है

Haryana Manisha Murder Case ,हरियाणा के भिवानी में 19 साल की शिक्षिका मनीषा की रहस्यमय मौत ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। अब ये मामला सीबीआई के हाथ में है, और उनके लिए ये एक बड़ी चुनौती बन चुका है। मनीषा के परिवार ने पुलिस की आत्महत्या की थ्योरी को सिरे से नकार दिया था, जिसके बाद सरकार ने ये फैसला लिया कि अब सीबीआई ही इस मामले की जांच करेगी।

मनीषा 11 अगस्त को लापता हुई थी और उसका शव 13 अगस्त को खेत में मिला। पुलिस ने घटनास्थल से एक कथित सुसाइड नोट बरामद किया और इसे आत्महत्या का मामला बताने की कोशिश की। लेकिन मनीषा के परिवार वालों ने इस थ्योरी को तुरंत खारिज कर दिया। उनका कहना था कि मनीषा एक महत्वाकांक्षी लड़की थी, जो अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाना चाहती थी और परिवार की जिम्मेदारियों को भी निभा रही थी। ऐसे में आत्महत्या की बात बिल्कुल भी समझ में नहीं आती।

2025 Haryana Manisha Murder Case

इसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और तीन बार पोस्टमार्टम कराया गया। लेकिन जांच में हुई देरी और विरोधाभासी दावों ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया। राज्य सरकार ने दबाव में आकर एसपी का तबादला किया और पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। जैसे ही यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना, स्थिति और भी जटिल हो गई। तरह-तरह की साजिश की थ्योरी, वीडियो और पोस्ट सामने आने लगे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों ने जांच को ‘पटरी से उतार दिया’।

Haryana Manisha Murder Case

पुलिस ने 34 सोशल मीडिया अकाउंट्स

Haryana Manisha Murder Case ,भिवानी पुलिस ने करीब 34 सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने अफवाहें फैलाईं और समाज में नफरत भड़काने वाले पोस्ट किए। पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 के तहत कई FIR दर्ज की हैं। एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है। डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि कुछ शरारती तत्व सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर सनसनी फैलाने और सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रहे हैं।

2025 Haryana Manisha Murder Case सीबीआई हत्याकांड की करेगी जांच

अब सीबीआई के सामने चुनौती ये है कि उन्हें मनीषा की मौत की असल वजह पता करनी है और उन सवालों का जवाब देना है जो सोशल मीडिया और मनीषा के परिवार द्वारा उठाए जा रहे हैं। इस बीच, प्रदेश सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। दस दिनों तक चले इस घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि पुलिस इस मामले को सही तरीके से नहीं संभाल पाई। तीन पोस्टमार्टम और बार-बार बदलती जांच की थ्योरी ने लोगों के शक को और गहरा कर दिया है।

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